डाएगनॉल स्प्रेड और डबल डाएगनॉल स्प्रेड

क्यूरेट बाय
विवेक गडोदिया
सिस्टम ट्रेडर और एल्गो स्पेशलिस्ट

एक डाएगनॉल स्प्रेड वर्टीकल और हॉरिजॉन्टल स्प्रेड को कंबाइन करता है।  यह एक ही प्रकार के दो ऑप्शंस का इस्तेमाल करता है - या तो कॉल या पुट.

डाएगनॉल और डबल डाएगनॉल स्प्रेड में लिमिटेड रिस्क, रिवॉर्ड की पोटेंशियल होता है वे तब बनाए जाते हैं जब मार्केट में छोटे उतार-चढ़ाव की उम्मीद होती है।

डाएगनॉल स्प्रेड

हमने दो मुख्य प्रकार के स्प्रेड के बारे में सीखा है - वर्टिकल स्प्रेड और हॉरिजॉन्टल स्प्रेड।

वर्टिकल स्प्रेड में, हम समान एक्सपायरी लेकिन अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस के एक ही प्रकार (कॉल या पुट) के ऑप्शन एक साथ खरीदते और बेचते हैं। यहाँ पर वर्टीकल टर्म का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि स्प्रेड का चयन करने के लिए चुना  गया अलग अलग स्ट्राइक प्राइस, स्ट्राइक प्राइस के पोजीशन से आता  हैं।

दूसरी ओर, एक हॉरिजॉन्टल स्प्रेड, एक ऑप्शन स्ट्रेटेजी है जिसमें एक ही अंडरलाइंग एसेट और एक ही स्ट्राइक प्राइस पर अलग-अलग एक्सपायरी मंथ के साथ कॉल या पुट ऑप्शन में लॉन्ग और शॉर्ट पोजीशन बनाना शामिल है।

एक डाएगनॉल स्प्रेड दोनों का कॉम्बिनेशन है।

एक डाएगनॉल स्प्रेड क्या है?

एक डाएगनॉल स्प्रेड में अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस और अलग-अलग एक्सपायरी डेट के कॉल या पुट ऑप्शन शामिल होते हैं लेकिन एक ही अंडरलाइंग एसेट।

यह एक ही प्रकार (कॉल या पुट) के दो ऑप्शंस में एक साथ लॉन्गऔर शॉर्ट ट्रेड  करके बनाई गई एक ऑप्शन स्ट्रेटेजी है, लेकिन अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस और अलग-अलग एक्सपायरी डेट  साथ।

स्ट्रक्चर और इस्तेमाल किए गए ऑप्शंस के आधार पर, स्ट्रेटेजी में बुलिश या बियारिश का झुकाव हो सकता है।

डाएगनॉल स्प्रेड को मॉडिफाइड कैलेंडर स्प्रेड भी कहा जाता है क्योंकि इसमें अलग-अलग एक्सपायरी पीरियड के ऑप्शन शामिल होते हैं। इसे 'डाएगनॉल' नाम इसलिए मिला है क्योंकि यह एक वर्टिकल स्प्रेड और हॉरिजॉन्टल स्प्रेड को कंबाइन करता है।

एक डाएगनॉल स्प्रेड का कंस्ट्रक्शन 

एक कॉल या पुट ऑप्शन का इस्तेमाल करके एक डाएगनॉल स्प्रेड को बनाया जा सकता है। स्प्रेड को एक ही प्रकार के दो ऑप्शंस का इस्तेमाल करके बनाया जाना चाहिए - या तो कॉल या पुट।

डाएगनॉल स्प्रेड बनाने के लिए अलग-अलग स्ट्राइक और अलग-अलग एक्सपायरी भी चुनी जाती हैं।

नीचे दिया गया चार्ट कॉल ऑप्शंस का इस्तेमाल करके डाएगनॉल स्प्रेड का पेऑफ डायग्राम दिखाता है।

Payoff diagram of a Diagonal Spread using Call Options

डाएगनॉल स्प्रेड 18,000 CE और 17,800 CE का इस्तेमाल करके बनाया गया है।

17,800 CE को बेचने के लिए एक्सपायरी के करीब (3 नवंबर) लिया जाता है और 18,000 CE को खरीदने के लिए आगे की एक्सपायरी (24 नवंबर) का इस्तेमाल किया जाता है।

टेंट के नीचे के एरिया पर ध्यान दें – यह वह जगह है जहाँ स्ट्रेटेजी प्रॉफिटेबल है।

हालांकि स्ट्रेटेजी बनाने के लिए ज़रूरी मार्जिन छोटा है और इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न  हाई है, वर्टिकल स्प्रेड केअपोजिट, ये नंबर मार्केट के साथ बदलता है।

नीचे दिया गया चार्ट पुट ऑप्शंस का इस्तेमाल करके डाएगनॉल स्प्रेड का पेऑफ डायग्राम दिखाता है।

Payoff diagram of a Diagonal Spread using Put Options

यह स्ट्रेटेजी 3 नवंबर को एक्सपायरी वाले 17,800 PE को बेचकर और 24 नवंबर को एक्सपायरी वाले 18,000 PE को खरीदकर बनाया गया है।

डाएगनॉल स्प्रेड के प्रकार

वर्टिकल या हॉरिजॉन्टल स्प्रेड की तुलना में डाएगनॉल स्प्रेड में ज्यादा मूविंग पार्ट्स होते हैं। कॉम्बिनेशन की संख्या, कॉल और पुट के आधार पर बुलिश या बियारिश, क्रेडिट या डेबिट होने से इसे और ज़ायदा फ्लेक्सिबिलिटी देता है।

खरीदे और बेचे जाने वाले ऑप्शंस और स्ट्राइक और एक्सपायरी को बदलकर, हम डाएगनॉल स्प्रेड केअलग-अलग कॉम्बिनेशन पर पहुँच सकते हैं।

निचे कुछ डाएगनॉल स्प्रेड का पेरमुटेशन और कॉम्बिनेशन है:

डायगोनल स्प्रेड कॉम्बिनेशंस            
ऑप्शन टाइप क्रेडिट/डेबिट एक्सपायरी 1 एक्सपायरी 2 स्ट्राइक 1 स्ट्राइक 2 डायरेक्शन
कॉल डेबिट सेल नियर बाय फार  बाय लोअर सेल हायर  बुलिश
  क्रेडिट बाय नियर बाय फार  सेल लोअर बाय हायर बेयरिश
पुट डेबिट सेल नियर बाय फार  सेल लोअर बाय हायर बेयरिश
  क्रेडिट बाय नियर सेल फार बाय लोअर सेल हायर  बुलिश

इसके अलावा, डाएगनॉल स्प्रेड का इस्तेमाल करने का सबसे सरल तरीका यह है कि छोटे ऑप्शन के एक्सपायर होने पर ट्रेड को बंद कर दिया जाए। हालांकि, कई ट्रेडर स्ट्रेटेजी को "रोल ओवर" करते हैं, आम तौर पर उसी स्ट्राइक प्राइस के ऑप्शन के साथ एक्सपायर हो चुके ऑप्शन को बदलकर, लेकिन लॉन्गर ऑप्शन (या पहले) की एक्सपाइरी के साथ।

डाएगनॉल स्प्रेड आमतौर पर वर्टिकल डेबिट स्प्रेड की तरह बनाये जाते हैं, जिसका मतलब है कि आगे की एक्सपायरी का इस्तेमाल करके लॉन्ग ऑप्शन बनाया जाता है और सामने के एक्सपायरी  के ज़रिये शॉर्ट ऑप्शन बनाया जाता है।

स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल डिफाइंड रिस्क के साथ एक डायरेक्शनल ट्रेड करने के लिए किया जाता है, साथ साथ लम्बे मंथ केऑप्शन के मुकाबले करीब टर्म के ऑप्शन को बेच कर कॉस्ट को बहुत ही काम करना।

डाएगनॉल स्प्रेड कैसे काम करता है?

एक डाएगनॉल स्प्रेड वर्टिकल स्प्रेड (कैलेंडर स्प्रेड) की तरह काम करता है। अगर एक्सपायरी पर मार्केट शॉर्ट ऑप्शन के पास बंद होता है तो आपको प्रॉफिट होगा।

चूंकि शॉर्ट ऑप्शन आमतौर पर एक्सपायरी के करीब होता है, अगर स्ट्राइक आउट-ऑफ-द-मनी (ओटीएम) बंद हो जाता  है तो यह बेकार एक्सपायर हो जाएगा। आम तौर पर ट्रेडर लॉन्ग ऑप्शन को शॉर्ट ऑप्शन की एक्सपायरी पर बंद कर देते हैं। शॉर्ट ऑप्शन की एक्सपायरी के वक़्त  लॉन्ग ऑप्शन का अभी भी कुछ एक्सट्रिन्सिक वैल्यू बचा होगा।

हालांकि, कुछ ट्रेडर अपनी शॉर्ट पोजीशन को रोल ओवर करना पसंद करते हैं। अगर लम्बे वक़्त की एक्सपायरी में अभी भी कुछ वक़्त बचा है और छोटी एक्सपायरी मौजूद हैं, तो ट्रेडरअपनी लॉन्ग पोजीशन को बनाए रखना पसंद करते हैं और करीब की एक्सपायरी में एक नया शॉर्ट-ऑप्शन पोजीशन बनाते हैं।

Diagram of a Double Diagonal Spread

डबल डाएगनॉल स्प्रेड

डबल डाएगनॉल स्प्रेड एक डाएगनॉल स्प्रेड का एक्सटेंशन है, ठीक एक डबल कैलेंडर स्प्रेड की तरह ।

डबल डाएगनॉल स्प्रेड को दो तरीकों में से किसी एक में डेसक्राइब किया जा सकता है। सबसे पहले, वे फार-एक्सपायरी लॉन्ग स्ट्रैंगल और नियर-एक्सपायरी शॉर्ट स्ट्रैंगल या शॉर्ट स्ट्रैडल का कॉम्बिनेशन हैं।

दूसरे, उसे कॉल डाएगनॉल स्प्रेड और पुट डाएगनॉल स्प्रेड के कॉम्बिनेशन के रूप में डेसक्राइब किया जा सकता है।

यह नेट डेबिट स्ट्रेटेजी है जिसमें प्रॉफिट और रिस्क दोनों लिमिटेड हैं।

ट्रेड में मैक्सिमम प्रॉफिट तब होता है जब अंडरलाइंग एसेट करीब के एक्सपायरी पर शॉर्ट ऑप्शंस में से एक पर बंद हो जाता है।

एक डबल डाएगनॉल स्प्रेड का कंस्ट्रक्शन 

एक दूर-एक्सपायरी स्ट्रैडल खरीदकर और नियर-एक्सपायरी स्ट्रैडल या एक छोटा स्ट्रैडल बेचकर एक डबल डाएगनॉल स्प्रेड बनाया जाता है।

दर असल, एक ट्रेडर एक डाएगनॉल कॉल स्प्रेड और एक डाएगनॉल पुट स्प्रेड बनाता है। थीटा के बेकार होने की वजह से स्ट्रेटेजी कोप्रॉफिट होता है क्योंकि करीब एक्सपायरी के बेचे गए ऑप्शन बाद की एक्सपायरी के खरीदे गए ऑप्शंस की तुलना में तेजी से एक्सपायर होंगे।

एक डबल डाएगनॉल स्प्रेड तब बनाया जाता है जब यह उम्मीद की जाती है कि अंडरलाइंग एसेट दो बेचे गए ऑप्शंस के बीच एक्सपायरी के वक़्त तक रहेगा 

डबल डाएगनॉल स्प्रेड पहले मुश्किल लग सकता है, लेकिन अगर हम इसे तोड़ते हैं, तो यह दो डाएगनॉल स्प्रेड है।

यहाँ बताया गया है कि इसको कैसे बनाया जाता है:

  • एक आउट-ऑफ़-द-मनी (ओटीएम) पुट बाद की एक्सपायरी पर खरीदें
  • करीब की एक्सपायरी के एक आउट-ऑफ़-द-मनी (ओटीएम) पुट को बेचें
  • एक आउट-ऑफ़-द-मनी (ओटीएम) कॉल को बाद की एक्सपायरी पर बेचें
  • करीब की एक्सपायरी के एक आउट-ऑफ़-द-मनी (ओटीएम) कॉल खरीदें

डबल डाएगनॉल स्प्रेड एक करीब-एक्सपायरी वाले स्ट्रैंगल को बेचकर और एक ज़ायदा विड्थ के एक लंबी-एक्सपायरी वाले स्ट्रैंगल को खरीदकर बनाया जाता है।

3 नवंबर के 18,000 कॉल ऑप्शन को उसी एक्सपायरी के 17,600 पुट के साथ बेचा गया।

साथ ही, 18,400 कॉल और 17,200 पुट 24 नवंबर की एक्सपायरी पर खरीदे जाते हैं।

पेऑफ डायग्राम में दो 'पीक' वे पॉइंट्स हैं जिन पर करीब-एक्सपायरी ऑप्शंस बेचे जाते हैं।

ब्रेक - ईवन

एक डबल डाएगनॉल स्प्रेड में दो ब्रेक इवन पॉइंट होते हैं। एक कॉल साइड पर है - करीब-एक्सपायरी वाले बेचे गए कॉल ऑप्शन और लंबी-एक्सपायरी वाले खरीदे गए कॉल ऑप्शन के बीच। दूसरा, बेचे गए पुट ऑप्शन और आगे की एक्सपायरी के खरीदे गए पुट ऑप्शन के बीच पुट साइड में है।

एक डाएगनॉल और एक डबल डाएगनॉल स्प्रेड में एक दम सही ब्रेकेवन पॉइंट डेटर्मीने करना मुश्किल है। शार्ट स्ट्रैंगल का ब्रेक इवन खोजना आसान है, लेकिन इसे आगे के एक्सपायरी लॉन्ग स्ट्रैंगल (डबल डाएगनॉल स्प्रेड बनाना) के साथ जोड़ना मुश्किल है क्योंकि यह वोलैटिलिटी के लेवल और लॉन्ग ऑप्शन की कीमत पर निर्भर करता है।

मैक्सिमम प्रोफिटेबिल्टी के लिए शर्त

डाएगनॉल और डबल डाएगनॉल दोनों स्ट्रेटेजीज आम तौर पर लो-वोलैटिलिटी मौके में बनाया जाता हैं।

यहाँ तक कि अगर कीमत स्टेबल रहता है, तो ये स्ट्रेटेजीज वोलैटिलिटी में वृद्धि से प्रॉफिटेबल होता हैं। करीब-एक्सपायरी वाले ऑप्शंस को वक़्त के गुजरने से फायदा होगा, जबकि लॉन्ग ऑप्शंस को बढ़ी हुई वोलैटिलिटी सेफायदा होगा।

डबल डाएगनॉल स्प्रेड वोलैटिलिटी के प्रति बहुत ज़ायदा सेंसेटिव होते हैं। वे वोलैटिलिटी में गिरावट से नेगटिव रूप से प्रभावित होंगे, और, उसके अलावा, बढ़ती वोलैटिलिटी से मदद मिलेगा।

निष्कर्ष

दोनों डाएगनॉल स्प्रेडस और एक डबल डाएगनॉल स्प्रेडस लिमिटेड रिस्क और रिवॉर्ड की क्षमता वाले स्ट्रेटेजीज हैं। वे तब बनाए जाते हैं जब ट्रेडर मार्केट में छोटे मूवमेंट्स की उम्मीद करता है। यहाँ  तक कि अगर प्राइस स्टेबल रहता है, तो ये स्ट्रेटेजीज वोलैटिलिटी के बढ़ने से भी  फायदे में रहेंगे।

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