एनुअल रिपोर्ट के बारे में आप सभी को पता होना चाहिए
एक ऐसी दुनिया के बारे में सोचें जहाँ वाइडली हेल्ड पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के ओनरशिप और मैनेजमेंट के बीच कोई कम्युनिकेशन ना हो। एनुअल रिपोर्ट के बिना एक दुनिया। ख़याल से बाहर, है ना? ऐसा इसलिए है क्योंकि एनुअल रिपोर्ट ना सिर्फ एक फाइनेंसियल ईयर के दौरान कंपनी के परफॉरमेंस पर विस्तार से कमेंट करता है बल्कि इसके फ्यूचर के बारे में भी संकेत देता है।
आइए देखें कि कुछ महापुरषों ने एनुअल रिपोर्ट के बारे में क्या कहा है :
एनुअल रिपोर्ट इतना ज़रूरी क्यों हैं?
आज, शेयरहोल्डर्स और इन्वेस्टर्स के लिए कंपनी की एक्टिविटी के बारे में जानकारी रखने के लिए कई रास्ते हैं। हालाँकि, एक समय था जब जानकारी तक पहुँच लिमिटेड था। एनुअल रिपोर्ट ने कंपनियों के लिए एक खिड़की का काम किया है, क्योंकि कंपनियां इसके माध्यम से एक साल के अपने पुरे फाइनेंसियल एक्टिविटीज को लिखते है। आज भी, जानकारी के कई ज़रियों के बावजूद, इस डॉक्यूमेंट को सबसे भरोसेमंद और कम्पलीट माना जाता है।
एनुअल रिपोर्ट्स की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन्हे शेयरहोल्डर्स, पोटेंशियल इन्वेस्टर्स, एनालिस्ट, गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स, रेगुलेटर्स, रेटिंग एजेंसीज और बैंकर्स द्वारा अलग अलग मकसद के लिए भेजा जाता है। एनुअल रिपोर्ट कंपनी के बारे में फाइनेंसियल और नॉन-फाइनेंसियल जानकारी में ज़रूरी इनसाइट्स देता है। इन सबसे ऊपर, रिपोर्ट में दी गई जानकारी को किसी थर्ड पार्टी द्वारा वेरीफाई और सर्टिफाइड किया जाता है, जो इसमें क्रेडिबिलिटी को जोड़ता है।
सालों से एनुअल रिपोर्ट की कंटेंट डेवलप हुई है, थोड़ा सा रेगुलेटर और क़ानूनी ज़रूरतें की वजह से और क्योंकि कॉर्पोरेट्स ने इस रिपोर्ट की अहमियत को बाहरी दुनिया के साथ कम्यूनिकेट करने के भरोसेमंद साधन के रूप में समझा है।
यहाँ एक मिसाल दिया गया है कि 2006-07 से 2020-21 तक एक लीडिंग दवा कंपनी की एनुअल रिपोर्ट कैसे डेवलप हुई: